“खेरे पै की आमली, अगल-बगल की डार । ऊपर मोती गा गहे, तर भैंसा रखवार । वा भैंसा न जानिए, पालै तेली कलार । नौ गगरा मद के पिए, नौ सौ बकरा खाय । सांझी बाबा को चीर-फार, शिव बाबा की जटा उखार । छत्तीस रोग हांक के न आवे, तो राजा भीम न कहावे ।।”
विधि – दशहरे या दीपावली को १०८ घी के होम देकर जगाए । फिर ७ बार मन्त्र पढ़कर मयूर-पङ्ख, चाकू या अगर-बत्ती से झाड़ दे, तो सब रोग ठीक हों ।
विधि – दशहरे या दीपावली को १०८ घी के होम देकर जगाए । फिर ७ बार मन्त्र पढ़कर मयूर-पङ्ख, चाकू या अगर-बत्ती से झाड़ दे, तो सब रोग ठीक हों ।
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